ऋषिकेश में बन रहा भारत का पहला कांच का पुल ‘Bajrang Setu’, खूबियां हैं बेमिसाल

Bajrang Setu: आपने अक्सर सोशल मीडिया पर कांच के बने पुल को देखा होगा. जिस पर पर्यटक चलकर प्रकृति का नजारा देखते हैं. लेकिन अब आप कांच का यह पुल भारत में भी देखने वाले हैं. बहुत जल्दी ही साल 2023 के अंदर सरकार द्वारा उत्तर भारत का सबसे पहला कांच का फुटपाथ बनकर तैयार हो जाएगा. दरअसल कांच का यह पुल उत्तराखंड में बनकर तैयार होने जा रहा है. इसे बजरंग सेतु के नाम से जाना जाएगा. आज के इस लेख में हम आपको Bajrang Setu के संबंध में जानकारी प्रदान करेंगे. साथ ही आपको यह बताएंगे कि आप कब तक इस कांच के पुल पर जाकर प्रकृति का आनंद ले सकते हैं. इसके लिए आप हमारे इस लेख को अंत तक पूरा पढ़ें.

Bajrang Setu
Bajrang Setu

Bajrang Setu: 1st Glass Bridge in India

दरअसल उत्तराखंड सरकार द्वारा ऋषिकेश में कांच का यह फुटपाथ बनाया जा रहा है. यह फुटपाथ लोक निर्माण विभाग के माध्यम से किया जा रहा है. जिसे गंगा के ऊपर से बनाया जाएगा. यानी कांच के पुल पर से आप आसानी से नीचे बहती हुई गंगा को देख सकते हैं. यह नजारा बहुत ही ज्यादा आकर्षक होने वाला है. जिसमें पर्यटक पुल के नीचे बहती हुई गंगा को ठीक गंगा के ऊपर से देख पाएंगे. दरअसल सरकार इस बजरंग सेतु को लक्ष्मण झूला नाम के विख्यात पूरी के विकल्प के रूप में बनाया जा रहा है. बता दें कि लक्ष्मण झूला पिछले 92 सालों से पर्यटकों को एक ओर से दूसरी ओर ले जाने का काम कर रहा था. लेकिन अब इसकी हालत बहुत ज्यादा जर्जर हो चुकी है.

जिसकी वजह से प्रशासन ने इस पुल पर आवाजाही को बंद कर दिया है. ताकि किसी भी प्रकार के हादसे से बचा जा सके. अब लक्ष्मण झूले के विकल्प के रूप में ही सरकार बजरंग सेतु का निर्माण करने जा रही है. यह पुल लक्ष्मण झूले का विकल्प तो होगा ही लेकिन साथ ही पूरी तरह से बने कांच के फुटपाथ के कारण यह पर्यटकों का ध्यान और ज्यादा अपनी और आकर्षित करेगा.

जुलाई 2023 से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा Bajrang Setu

इस पुल का निर्माण सरकार द्वारा 5 जनवरी 2022 को शुरू कर दिया गया था. इसके बाद से निरंतर निर्माण कार्य चल रहा है. सरकार द्वारा जारी करी गई डेडलाइन के मुताबिक यह काम जुलाई 2023 तक पूरा हो जाना था. हालांकि इस पुल का लगभग 62% काम इंजीनियरों ने पूरा कर लिया है. इसके बाद अब इंजीनियरों को इस पुल के ऊपर कांच के फुटपाथ को बिछाना है. इसके बाद ही यह पुल सभी पर्यटकों के लिए खोला जाएगा. ऐसे में सभी को Bajrang Setu पर जाने की उत्सुकता बनी हुई है. हालांकि आपको इसके लिए जुलाई 2023 तक का इंतजार करना पड़ेगा. इस बजरंग सेतु के संबंध में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा भी सराहना करी गई है. उन्होंने कहा है कि यह उत्तर भारत का पहला कांच का बना पुल होगा. जिसे बहुत ही ज्यादा हाईटेक इंजीनियरिंग का उपयोग करके बनाया जा रहा है. यह पुल इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना बनकर सामने आएगा.

Bajrang Setu की विशेषताएं

कांच के फुटपाथ होने के साथ-साथ इस की कई अन्य दूसरी विशेषताएं भी हैं. आपको बता दें कि इस पुल के निर्माण का काम लगभग पूरा होने ही वाला है. ऐसे में आप भी बजरंग सेतु की इन विशेषताओं को पढ़ें. और पुल बन जाने के बाद वहां पर पर्यटन के लिए अवश्य जाएं:

  • बजरंग सेतु पुल की लंबाई 133 मीटर होगी. और इसकी चौड़ाई 8 मीटर होगी. जिस पर काफी सारे पर्यटक एक बार में सफर कर सकते हैं.
  •  इसके साथ ही इस पुल को 3 lan की व्यवस्था के साथ बनाया जा रहा है. जिस पर सेतु के बीच में 2.5 मीटर चौड़ी डबल लेन की सड़क वाहनों के लिए बनाई जाएगी. जिस पर दोपहिया और चार पहिया वाहन चल सकते हैं.  इसके बाद सड़क के दोनों तरफ पर्यटकों के पैदल चलने के लिए कांच के फुटपाथ बनाए जाएंगे.
  • बजरंग सेतु को दो टावरों के बीच में मनाया जाएगा. यह दोनों टावर केदारनाथ मंदिर की आकृति के बनाए जा रहे हैं. इससे नगारा और ज्यादा आकर्षक होने वाला है.
  • 65mm की होगी कांच की मोटाई. अक्सर लोग कांच को कमजोर धातु समझ लेते हैं. लेकिन 65mm मोटाई का कांच बहुत ज्यादा मजबूर होता है जो अपने ऊपर पर्यटकओं का भार झेलने के लिए पर्याप्त है.
  • इसके साथ ही यह पुल गंगा से 57 मीटर की ऊंचाई पर बनाया जा रहा है. इस पुल के ठीक नीचे गंगा बहती हुई दिखाई देगी. पर्यटक इस कांच के पुल पर चलते समय अपने पैरों के नीचे गंगा को बहते हुए आसानी से देख पाएंगे.

किस प्रकार सरकार द्वारा लगभग 69.20 करोड़ की लागत पर यह पुल बनाया जा रहा है. जिससे पर्यटकों के साथ-साथ रोजमर्रा के काम के लिए इस्तेमाल होने वाले लक्ष्मण झूले का विकल्प भी स्थानीय निवासियों को मिल जाएगा. 

SSCNR

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