Pension News: एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन ने हाल ही में एक नया निर्णय लिया है जिसमें उन्होंने बताया है कि वह सभी पेंशन धारक जो 2014 से पहले रिटायर हुए हैं उन सबकी हायर पेंशन रोक दी जाए और साथ ही साथ जो जो एडिशनल रकम उन पेंशन धारियों को दी गई थी वह भी वापस वसूली जाए । इसी खबर को ध्यान में रखते हुए ईपीएफओ ने बुधवार के दिन एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि 1 सितंबर 2014 से पहले रिटायर होने वाले सारे कर्मचारियों के पेंशन स्कोर को फिर से ध्यान में रखते हुए स्टडी किया जा रहा है और जब तक ये मामला सुलझता नही तब तक उन सब को किसी भी प्रकार की उच्च पेंशन नहीं प्रदान की जाएगी ।

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यह सर्कुलर जनवरी 2023 को जारी किया गया था । जिसमें उन्होंने बताया है कि उन सारे पेंशन धारियों जिनको उच्च पेंशन प्रदान की जाती थी उन सभी की पेंशन रोक दी जाए। ईपीएफओ पेंशन को फिर से रिवाइज करने का निर्णय ले रही है । यह पेंशन सैलरी के आधार पर ही रीवाइस होगी। ईपीएफओ ने अपने सर्कुलर में पैराग्राफ 11( 3 )में बताया है की एक पेंशन धारक की अधिकतम पेंशन कितनी होनी चाहिए तथा यह भी कहा है कि सारे पेंशन धारियों को पेंशन रिवाइज होने से पहले से सूचित किया जाएगा।
लगभग 25,000 पेंशन धारियों पर फिलहाल ईपीएफओ के इस निर्णय की तलवार लटक रही है । ईपीएफओ के इस निर्णय से तकरीबन 25,000 पेंशन धारीयों पर सीधे तौर पर प्रभाव पड़ रहा है । जैसा कि ईपीएफओ ने अपने सर्कुलर में सारे लोकल अथॉरिटी को बता दिया है कि 2014 से पहले रिटायर होने वाले सारे पेंशन धारियों की उच्च पेंशन रोक दी जाए। जिसकी वजह से इन पेंशन धारियों को अचानक से झटका लगा है । पेंशन के रुक जाने के साथ ही साथ अब तक का एडिशनल अमाउंट भी वापस रिकवर करने की बात की जा रही है। सारे पेंशन धारी फिलहाल गहन चिंता में है ।
सोशल एक्टिविस्ट प्रवीण कोहली जो पेंशन अधिकारियों के हित में काम करते हैं उन्होंने कहा है कि वे इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे। सारे पेंशन धारी फिलहाल इस बात का कड़ा विरोध जता रहे है।
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क्या है पैराग्राफ 11(3) ?
यह पूरा मामला क्या है इसके लिए पैराग्राफ 11(3) समझना बहुत ज्यादा जरूरी है
आइए देखते हैं क्या है पैराग्राफ11(3) इस पैराग्राफ के अनुसार कर्मचारियों को अपने पेंशन अमाउंट में अपने मासिक सैलरी से अधिकतम अमाउंट इन्वेस्ट करने की पूरी पूरी छूट है। कर्मचारी जितना ज्यादा अमाउंट इन्वेस्ट करेंगे उनको पेंशन की सुविधा उतनी ज्यादा मिलती है। कर्मचारियों को इस निवेश को करने के लिए अपने कार्यस्थल से कंसेंट की आवश्यकता होती है। कार्यस्थल से मिले कंसेंट से कर्मचारी अपने पेंशन अमाउंट में अधिकतम निवेश कर सकता है। इसी पैरा के अनुसार अगर किसी कर्मचारी ने अधिकतम निवेश का लाभ नहीं लिया है तो उन्हें अधिकतम पेंशन नहीं दी जाएगी ।
इसी बात का सर्कुलर ईपीएफओ ने अभी जारी किया है । ईपीएफओ ने अपने सर्कुलर में वही बात कही है कि 1 सितंबर 2014 से पहले रिटायर हुए कर्मचारियों ने यदि इस एक्स्ट्रा पेंशन के लिए अप्लाई किया है तो उन्हें उपलब्ध नहीं कराई। इसलिये अब तक इस एक्स्ट्रा पेंशन का लाभ उठाने वाले कर्मचारियों की पेंशन को रिवाइज़ कर उनके सेलेरी के आधार पर दिये जाने पर विचार हो रहा है। इस पर फैसला अभी आना बाकी है कि कितने फीसदी पेंशन घटाई जाएगी।
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