15 अप्रैल के बाद Ayushman Bharat Yojana में नहीं होगा अस्पतालों में Free इलाज़

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आयुष्मान भारत योजना 2023: केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) के अंतर्गत सरकार ने यह दावा किया था कि प्रत्येक नागरिक को जिसने आयुष्मान कार्ड बनवा रखा है मुफ्त में इलाज कराया जाएगा. आयुष्मान कार्ड बनवाने के बाद कई सारे लाभार्थियों ने बड़े प्राइवेट अस्पतालों के अंतर्गत अपना इलाज करवाया. जिस इलाज का सारा खर्चा सरकार द्वारा उठाया गया है. लेकिन अब प्राइवेट अस्पतालों से इस प्रकार की सूचना आ रही है कि उन्हें सरकार समय पर मरीजों के इलाज में लगने वाले खर्च का भुगतान नहीं कर रही है. जिस कारण प्राइवेट अस्पतालों ने यह सूचना दी है कि वह 15 अप्रैल 2023 के बाद से अपने प्राइवेट हॉस्पिटल के अंदर Ayushman Bharat Yojana (आयुष्मान भारत योजना) के माध्यम से इलाज नहीं करेंगे.

अगर आपने भी आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आवेदन कर रखा है और बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल के अंदर अपना इलाज करा रहे हैं. तो आप आज का यह लेख जरूर पढ़ें. यह आपके लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है.

15 अप्रैल के बाद Ayushman Bharat Yojana में नहीं होगा अस्पतालों में Free इलाज़
15 अप्रैल के बाद Ayushman Bharat Yojana में नहीं होगा अस्पतालों में Free इलाज़

15 अप्रैल 2023 से नहीं मिलेगा आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मुफ्त इलाज

दरअसल मध्य प्रदेश राज्य में संचारित सभी प्राइवेट हॉस्पिटल के अंदर मरीजों के इलाज का भुगतान सरकार ने अभी तक नहीं किया है. इसी कारण मध्य प्रदेश राज्य के सभी प्राइवेट हॉस्पिटलों ने यह ऐलान किया है कि 15 अप्रैल 2023 के बाद से अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत मुफ्त में इलाज नहीं कराया जाएगा. दरअसल सभी प्राइवेट हॉस्पिटलों द्वारा गठित संगठन यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल डायरेक्टर्स एसोसिएशन द्वारा इसकी घोषणा करी गई है कि यदि राज्य सरकार उनकी मांग को नहीं मानती है तो 15 अप्रैल 2023 के बाद से यह सभी प्राइवेट हॉस्पिटल आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों का इलाज नहीं करेंगे. एसोसिएशन का कहना है कि सरकार ने योजना बनाते समय यह दावा किया था कि मरीज का इलाज करने के 30 दिन के भीतर ही प्राइवेट अस्पताल के अंदर सरकार उनकी इलाज की रकम ट्रांसफर कर देगी. लेकिन प्राइवेट हॉस्पिटल को पिछले 1 साल से अधिक समय की बकाया रकम भी ट्रांसफर नहीं करी गई है. जिससे प्राइवेट हॉस्पिटल आर्थिक संकट की कगार पर आने वाले हैं.

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एसोसिएशन ने स्वास्थ्य विभाग को भेजा आयुष्मान भारत योजना 2023 का नोटिस

यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल डायरेक्टर एसोसिएशन द्वारा मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को नोटिस भेजकर इस बात की सूचना दी गई है कि राज्य के सभी 622 प्राइवेट अस्पतालों में 15 अप्रैल 2023 के बाद से आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों का इलाज नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही एसोसिएशन ने इसकी वजह भी बताई है. इसमें कहा गया है कि 15 अप्रैल 2023 को शाम 5:00 बजे के बाद से यह प्राइवेट हॉस्पिटल अपनी सेवाएं आयुष्मान कार्ड धारकों को नहीं दे पाएंगे. आपको बता दें कि राज्य में लगभग 622 ऐसे प्राइवेट अस्पताल हैं जिन्होंने अपना एप्लीकेशन आयुष्मान कार्ड योजना((पीएम-जय)) के अंतर्गत करा रखा है. यानी आयुष्मान कार्ड धारक इन सभी 622 अस्पतालों में जाकर अपना इलाज मुफ्त में करा सकते हैं.

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सरकार ने 1 साल तक की बकाया रकम नहीं अदा करी है

इन सभी प्राइवेट अस्पतालों के डायरेक्टर्स का कहना है कि सरकार ने (पीएम-जय) योजना बनाते समय में 30 दिन के अंतर्गत बकाया रकम ट्रांसफर करने का आश्वासन दिया था. लेकिन कई अस्पताल तो ऐसे हैं जिन्हें 1 साल से ज्यादा समय से पुरानी बकाया रकम नहीं ट्रांसफर करी गई है. इसके कारण अस्पतालों में पिछले 7 महीनों से ज्यादा समय से आयुष्मान कार्ड योजना के अंतर्गत इलाज करने पर सरकार ने भुगतान नहीं किया है. आपको बता दें कि कुछ केस ऐसे भी आते हैं जिसमें आयुष्मान कार्ड धारक अपना इलाज प्राइवेट अस्पताल से मुफ्त में करवा लेते हैं.

लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनका वेरिफिकेशन करने के बाद उन्हें प्रमाणित नहीं माना जाता. ऐसे में प्राइवेट हॉस्पिटलों को इसका नुकसान उठाना पड़ता है. क्योंकि उन्हें इस की रकम नहीं दी जाती. ऐसे में नागरिकों द्वारा किए जाने वाले फ्रॉड का असर केवल प्राइवेट अस्पतालों पर ही हो रहा है. वहीं दूसरी ओर डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसा केवल मध्य प्रदेश राज्य के साथ ही हो रहा है. एसोसिएशन ने यह भी दावा किया है कि सरकार दूसरे राज्यों में प्राइवेट अस्पतालों को तुरंत इलाज की रकम ट्रांसफर कर देती है. लेकिन मध्य प्रदेश राज्य के प्राइवेट अस्पतालों के साथ सरकार इस प्रकार का भेदभाव कर रही है.

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ayushman bharat yojana को ले कर प्राइवेट अस्पतालों की यह है मांग 

एसोसिएशन द्वारा यह मांग करी गई है कि सरकार 31 मार्च 2023 तक हुए सभी इलाकों का भुगतान जल्द से जल्द करें.  इसके साथ ही सरकार यह भी आश्वासन दे कि भविष्य में उन्हें 30 दिनों के भीतर ही मरीजों के इलाज की रकम ट्रांसफर कर दी जाएगी. हालांकि कुछ कारणों से इस में कमी अथवा बड़ौदा की गुंजाइश रखी गई है. इसके अतिरिक्त एसोसिएशन ने यह मान भी करी है कि आयुष्मान भारत योजना((पीएम-जय)) के क्रियान्वयन के लिए बनाई गई कमेटी में प्राइवेट अस्पतालों के डायरेक्टर का भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए. जिससे वे भी अपनी समस्याओं को खुलकर सबके सामने रख सकें.

FAQs

Will Ayushman card scheme end in 2023?

Directors of private hospitals in Madhya Pradesh state have announced that if government will not pay the due amount of these hospitals, then they will end the service of free health facilities under Ayushman Scheme after 15 April 2023.

What are the facilities which will be provided in Ayushman card Scheme?

Aayushman card holders will get health cover up to 5 lakh rupees per family. Card holders can get free medical treatments in private hospitals to show their Ayushman card.They will also get pre and post hospitalisation expenses from the government.

SSCNR

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