Govt Decision on Farmers Protest: भारत का महत्वपूर्ण व्यवसाय कृषि और उससे जुड़े उद्द्योग हैं। भारत की संपूर्ण अर्थव्यवस्था कृषि पर ही टिकी है । ऐसे में देश की सरकार किसानों के हित को देखकर विभिन्न फैसले लेती रहती है। हालांकि कई बार किसान अपने मुद्दों को लेकर बहुत ही ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं और ऐसे में कई बार किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर भी उतर आते हैं और हाल ही में फरवरी के महीने में किसानों ने एक बार फिर से अपने हक के लिए आंदोलन (Farmers Protest) छेड़ दिया है।
देशभर के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू करने की मांग को लेकर Farmers Protest कर रहे हैं । इसी के चलते पंजाब हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर बहुत बड़ी तादाद में किसानों द्वारा आंदोलन (Farmers Protest) छेड़ा जा रहा है, जिसके चलते पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर अर्ध सैनिक बलों की तैनाती भी की गई है। कुल मिलाकर यह आंदोलन (Farmers Protest) इतना बड़ा है और किसानों की मांग इतनी जायज है कि सरकार भी अब इस पर कैबिनेट मीटिंग गठित कर रही है।
Govt Decision on Farmers Protest
किसानों की मांग को लेकर सरकार अब पांचवी कैबिनेट मीटिंग गठित कर चुकी है । जिसमें कृषि मंत्री के साथ-साथ भाजपा और हरियाणा के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए हैं । हाल ही में किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत का चौथा दौर समाप्त हुआ जो पूरी तरह से काफी हद तक सकारात्मक साबित हुआ। इस बातचीत के दौरान केंद्र सरकार ने बैठक में शामिल किसानों को एक कॉन्ट्रैक्ट प्रपोजल उपलब्ध कराया जिसमें केंद्र सरकार ने बताया के सरकार चार फसलों पर 5 साल के लिए msp देने के लिए तैयार है।
4 फसलों की खरीदी 5 साल तक MSP पर की जाएगी
इसके साथ ही किसानों को 5 साल के लिए minimum support value पर दाल, मक्का, कपास जैसी फसलों को खरीदने का प्रस्ताव भी दिया गया। कुल मिलाकर एन ए एफ ई डी NAFED जैसी सहकारी समितियां भी अरहर दाल, उड़द दाल, मसूर दाल, मक्का उगाने वाले किसानों के लिए कॉन्ट्रैक्ट करेगी इस बात पर भी विचार किया गया । मतलब के अगले 5 सालों तक किसानों से उनकी फसल msp पर खरीदी जाएगी और खरीदी मात्रा में किसी भी सीमा का निर्धारण नहीं किया जाएगा मतलब फसलों की अनलिमिटेड खरीदी की जा सकेगी।
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गन्ने की फसल के दाम भी बढ़ाएं गए
हाल ही में हुई बैठक के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों को आश्वासन दिया कि किसान संगठनों के साथ होने वाली बैठक में निश्चित रूप से कोई ना कोई समाधान निकाला जाएगा और msp पर एक कमेटी भी गठित की जाएगी जिसमें प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। इन्हीं सब फैसलों के बीच हाल ही में 21 फरवरी 2024 को किसान आंदोलन के चलते केंद्र सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया जिसमें सरकार ने गन्ने के मूल्य को ₹25 से बढ़कर 340 रुपए प्रति क्विंटल कर लिया।
पाठकों की जानकारी के लिए बता दे गन्ने का खरीदी मूल्य पिछले साल 315 रुपए था, किसानों को इसमें और ज्यादा फायदा पहुंचे और चीनी मिलों के माध्यम से किसान इसका एक लाभकारी मूल्य प्राप्त कर सके इसके चलते आगामी गन्ना सीजन में गन्ने की खरीद पर केंद्र सरकार ने ₹25 की बढ़ोतरी कर दी है और अब 1 अक्टूबर 2024 से 30 सितंबर 2025 की अवधि में गन्ने खरीदी 340 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से होगी।
किसानों को मिलेगी खाद ,बीज और उर्वरकों पर सब्सिडी
इसके साथ ही किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर सरकार ने महत्वपूर्ण रूख भी अपनाया है । केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) के चलते यह बताया है कि दुनिया भर में किसानों के हित को लेकर भारत सरकार सदैव तत्पर रहती है और लगातार किसानों की भलाई को देखते हुए फैसले लेती है जिससे कि देशभर में किसानों की आय दुगनी हो ।
जहां एक ओर दुनिया भर में खाद के दाम दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं परंतु भारत सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि खाद के दाम को ना बढ़ाया जाए जिससे कि किसान अपने फसलों की गुणवत्ता बनाए रखें। इसके साथ ही केंद्र सरकार 3 लाख करोड रुपए तक की सब्सिडी भी इस पर उपलब्ध कराती है। वहीं 10 साल में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन जैसी फसलों पर 5.50 लाख रुपए की msp खरीद भी की गई जिसमें सरकार ने अपने खजाने से बहुत बड़ा अमाउंट सैंक्शन भी किया और भविष्य में भी ऐसे महत्वपूर्ण फैसले लेने के लिए सरकार सदैव तत्पर रहेगी।
A2+ fl फॉर्मूले को किया जाएगा लागू
सरकार ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) को देखते हुए अब A2 + fl फार्मूले को लागू करने का निर्णय लिया है । सरकार का कहना है कि इस फार्मूले के अंतर्गत बीज ,खाद ,सिंचाई और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी सुविधाओं की कीमतें और मजदूरी के आधार पर फसल की लागत तय की जाएगी जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिलेगा। इस ए 2 + Fl फार्मूले के अंतर्गत किसानों द्वारा की लगाई अब तक की कुल लागत को शामिल किया जाएगा जिसके आधार पर किसानों के परिवार द्वारा किए गए श्रम के मूल्य को चुकाने की कोशिश की जाएगी।
निष्कर्ष: Govt Decision on Farmers Protest
कुल मिलाकर किसानों द्वारा छेड़े गए इस आंदोलन (Farmers Protest) के चलते केंद्र सरकार एसपी पर जरूर कोई बड़ा निर्णय जल्द ही लगी वही साथ ही साथ केंद्र सरकार अपनी ओर से यह पूरा प्रयास करेगी कि किसानों को उनके परिश्रम और लागत का मूल्य निश्चित रूप से प्राप्त हो