NCERT New Books: देशभर में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कई सारे बड़े बदलाव किए गए हैं । हाल ही में वर्ष 2024 से कक्षा तीसरी और छठवीं की पाठ्य पुस्तकों में भी बदलाव (NCERT New Books) लाने का निर्णय ले लिया गया है। अब कक्षा तीसरी और छठवीं के बच्चों को नई किताबें (NCERT New Books) खरीदनी पड़ेगी, जिसकी वजह से अब अभिभावकों की चिंता और बढ़ गई है।
देश भर में नई पुस्तकों को लेकर अभिभावको की परेशानी बढ़ती जा रही है एक और जहां 1 अप्रैल से नया सत्र शुरू होने वाला है वही अभी तक नई पुस्तकों की उपलब्धता न होने की वजह से अभिभावक बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं। जानकारी के लिए बता दे प्राइमरी कक्षाओं की किताबों में अब बदलाव आ गया है ,जिसकी वजह से कक्षा तीसरी और छठवीं के बच्चों को NCERT की नई किताबें (NCERT New Books) खरीदनी पड़ेगी, परंतु अभी तक NCERT ने नई किताबें मार्केट में उपलब्ध नहीं कराई है । कहा जा रहा है की नई किताबें अब तक छपी ही नहीं है ,ऐसे में 1 अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र को लेकर अभिभावक चिंतित हो गए हैं।
NCERT New Books मार्केट में उपलब्ध?
कक्षा पहली से पांचवी तक नई किताबों से होने वाली पढ़ाई के लिए मार्केट में किताबें ही उपलब्ध नहीं है और अब तक उनकी छपाई भी पूरी नहीं हुई है और स्कूल शुरू होने में अब काफी कम दिन ही शेष रह गए हैं ,ऐसे में अभिभावक और स्कूल दोनों ही बुक सेलर के पास में किताब उपलब्ध न होने की बात कर रहे हैं जिससे माहौल काफी चिंतित हो गया है।
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प्रकाशक ने छपाई का काम अब तक नही किया पूरा
जानकारी के लिए बता दे NCERT द्वारा नई किताबों का मसौदा तैयार कर लिया गया था और प्रकाशक ने इसे छापने का जमा भी सौंप दिया गया था ,परंतु अब तक प्रकाशक द्वारा नई किताबों (NCERT New Books) की छपाई पूरी नहीं हुई है और ना ही उनका सप्लाई शुरू हुआ है। बुक सेलर्स अभिभावकों को पुरानी किताब का स्टॉक ही बेच रहे हैं, जिसकी वजह से अभिभावक परेशान हो गए हैं ।
अभिभावकों को इस साल दुगना खर्च करना पड़ जाएगा इस वजह से अभिभावक और ज्यादा चिंतित दिखाई दे रहे हैं । यदि 1 अप्रैल से बच्चों को पढ़ाने के लिए अभिभावक पुरानी किताबें खरीद लेते हैं तो शैक्षणिक सत्र के बीच में उन्हें नई किताबें खरीदनी पड़ेगी और यदि अभिभावक अभी पुरानी किताबें नहीं खरीदते हैं तो अभिभावकों को बच्चों को बिना पाठ्य पुस्तक के ही शैक्षणिक सत्र शुरू करवाना पड़ेगा यह मुद्दा अब अभिभावकों और स्कूल के लिए चिंता का विषय बन गया है।
उत्तराखंड में कहीं नहीं मिल रही NCERT New Books
पूरे उत्तराखंड में इस बात को लेकर काफी गरमा गरमी चल रही है। जानकारी के लिए बता दे कक्षा पहली से पांचवी तक की कक्षा में किताबों की कमी झेलते हुए अभिभावक अब परेशान हो चुके हैं और स्कूल भी अब अपने हाथ खड़े कर चुके हैं । एनसीईआरटी की तरफ से अब तक इस बारे में कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है। संपूर्ण उत्तराखंड में किताबों की भारी कमी के चलते अब अभिभावक रोजाना बिना किताब के ही घर वापस लौट रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दे उत्तराखंड में प्रत्येक शहर में 15 से अधिक बुक सेलर है । इन बुक सेलर के पास में रोजाना नई किताब खरीदने के लिए सैकड़ो अभिभावक लाइन में खड़े दिखाई देते हैं, जितने तादाद में अभिभावक किताबें खरीदने के लिए खड़े होते हैं उतनी तादाद में किताबों की अवेलेबिलिटी अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है जिसकी वजह से रोजाना कई अभिभावकों को निराशा घर लौटना पड़ रहा है। ऐसे में अब स्कूल खुलने में केवल 2 से 3 दिन शेष रह गए हैं और अभी तक कई सारे अभिभावकों को उनके बच्चों के लिए पुस्तक उपलब्ध नहीं हो सकी है, जिसकी वजह से यह सभी अभिभावक अपने बच्चों को बिना पुस्तक के ही स्कूल भेजने पर मजबूर हो गए हैं।
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दिल्ली से पुस्तकें मंगवाने पर मजबूर हुए निजी स्कूल
किताबों की आपूर्ति को देखते हुए अब उत्तराखंड के कई सारे बुक सेलर दिल्ली से किताब मंगवाने पर मजबूर हो गए हैं । उत्तराखंड के पब्लिकेशंस ने अब तक बुक सेलर को किताबें सौंपी नहीं है जिसकी वजह से उत्तराखंड के बुक सेलर ने दिल्ली से किताबें मंगवानी शुरू कर दी है और फिलहाल जब तक मांग और आपूर्ति का सामंजस्य नहीं बैठता तब तक यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा । सेलर की माने तो पाठ्यक्रम का पुराना स्टॉक अधिक होने की बात बुक सेलेर कर रहे हैं जिसकी वजह से उनका कहना है की पुरानी किताबें खत्म हो जाने के बाद ही नई किताबें बेचने को निकाली जाएगी। इस बारे में NCERT ने अब तक कोई बड़ा बयान नहीं दिया है की बुक सेलर के पास में पड़े पुराने स्टॉक को NCERT किस तरह बिना नुकसान इस्तेमाल करेगी।
संपूर्ण उत्तराखंड के बुक सेलर का यही कहना है कि कक्षा तीसरी से छठवीं तक की नई किताबें बाजार में बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं है। दुकानों में पुराने पाठ्यक्रम की किताबें ही बेची जा रही है। ऐसे में बुक सेलर और पब्लिशर दोनों ही है कहने पर मजबूर हो गए हैं की पुरानी पाठ्यक्रम की पुस्तकों का स्टॉक खत्म होगा तभी ही NCERT New Books बेची जाएगी। कुल मिलाकर अभी तक इस परेशानी का कोई पुख्ता हल निकलता हुआ नजर नहीं आ रहा है, जिसकी वजह से अभिभावक या तो दिल्ली से किताबें मंगवाने को मजबूर हो गए हैं, जिसमें निजी स्कूल उनकी सहायता कर रही है।
निष्कर्ष: NCERT New Books
इस पूरे मामले में बुक सेलर पब्लिशर और एनसीआरटी क्या कड़ा कदम उठाएंगे इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता ।परंतु अभिभावक ,बच्चों और स्कूलों की चिंता इस पूरे मामले में जायज है क्योंकि स्कूल शुरू होने में अब केवल दो से तीन दिन शेष रह गए हैं और बच्चों के पास में अभी तक नहीं पाठ्य पुस्तक के उपलब्ध नहीं है जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा।