New Income tax slab rates 2023: जैसा कि हम सब जानते हैं साल 2023 में केंद्रीय बजट के दौरान नई कर व्यवस्था में कई सारे बदलाव किए गए । यह सारे बदलाव आयकर दाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ही किए गए हैं ।
नई कर प्रणाली के बदलाव
- नई आयकर व्यवस्था में आयकर स्लैब 6 से घटाकर पांच कर दिए गए हैं।
- वहीं नई आयकर व्यवस्था के अंतर्गत मूलभूत सीमा को ₹300000 कर दिया गया है जो कि पहले 2.5 लाख रुपए थी ।
- इसके अलावा नई आकर व्यवस्था के अंतर्गत क्षेत्र 87a के अंतर्गत छूट की राशि को 7 लाख रुपए तक बढ़ा दिया गया है जो की पुरानी आयकर व्यवस्था के अंतर्गत केवल 5लाख रुपए तक की थी इसका मतलब नहीं आयकर व्यवस्था में 7 लख रुपए तक की आय वाले व्यक्तियों को किसी प्रकार का कोई कर नहीं देना होगा ।
- इसके साथ ही नई आयकर व्यवस्था में वेतन भोगी और पेंशन भोगी के लिए मानक कटौती लाभ भी उपलब्ध करवाया गया ।
- नई आय कर व्यवस्था में उच्चतम दर का अधिकार भी घटकर 25% कर दिया गया है जो कि पहले 37% था।
इन सभी सुविधाओं के चलते नई आयकर व्यवस्था पुरानी आयकर व्यवस्था से काफी बेहतर मानी जा रही है । हालांकि करदाताओं को यह पूरी छूट दी गई है कि वह नई आयकर व्यवस्था जारी रखना चाहते हैं या पुरानी यह पूरी तरह से कर दाता पर निर्भर करता है कि वह पुरानी व्यवस्था के अंतर्गत भी कर का भुगतान कर सकते हैं । यदि कोई आयकर दाता पुरानी कर व्यवस्था को चुनना चाहता है तो उसे विशेष रूप से आयकर का भुगतान करते समय इस बात को मेंशन करना होगा
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नई आयकर स्लैब FY 2023-24
आयकर स्लैब | आयकर दरें |
0 से 3 लाख | 0 |
3 लाख से 6 लाख | 5% |
6लाख से 9 लाख | 10% |
9लाख से 12 लाख | 15% |
12लाख से 15 लाख | 20% |
15 लाख से अधिक | 30% |
नई आयकर स्लैब FY 2023-24
नई आयकर स्लैब के अंतर्गत ऊपर दिए गए स्लैब प्रत्येक व्यक्ति पर लागू होते हैं चाहे उसकी उम्र कितनी भी हो। वही पुरानी आयकर स्लैब के अंतर्गत उम्र के आधार पर स्लैब निर्धारित किया जाता था परंतु नई आयकर व्यवस्था में उम्र के आधार पर किसी प्रकार के कोई अंतर का निर्धारण नहीं किया गया है।
वही नई आयकर व्यवस्था में मध्यम वर्गीय आय समूह को भार से बचाने के लिए आयकर स्लैब की घोषणा की गई है ।कुल मिलाकर नई आयकर स्लैब को मध्यम वर्गीय बजट वाले परिवार के को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
नई आयकर व्यवस्था के अंतर्गत वेतन भोगी स्वयं के द्वारा चुनी गई किसी भी प्रणाली के अंतर्गत कर का भुगतान कर सकता है । वेतन भोगी चाहे तो नई कर व्यवस्था का विकल्प चुन सकता है या फिर पुरानी कर व्यवस्था के अंतर्गत कर का भुगतान कर सकता है। परंतु यदि व्यक्ति ने एक बार किसी व्यवस्था को चुन लिया तो उसे जीवन भर इस व्यवस्था के अंतर्गत कर का भुगतान करना होगा ।पूरे जीवन काल में वह केवल एक बार प्रणाली बदल सकता है।
तुलनात्मक रूप से बेहतर जानने के लिए लिए जानते हैं वित्त वर्ष 2022 और 23 में इनकम टैक्स स्लैब क्या थे
जैसा कि हम सब जानते हैं नई कर व्यवस्था की घोषणा 2020 के बजट के दौरान की गई थी परंतु फिर भी पुरानी कर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट रूप से विकल्प के तौर पर इस्तेमाल की जा रही थी। एक वेतन भोगी व्यक्ति को यह पूरा अधिकार दिया गया था कि वह पुरानी कर व्यवस्था को चुनता है या नई कर व्यवस्था को ।
इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति नई कर व्यवस्था चुनता है तो वह 70 कटौती और कर छूट को छोड़ देता है जिसमें hra छूट, lta कर छूट और सेक्शन 80 c के तहत 1.5 लाख रुपए की कटौती भी शामिल है।
नई कर व्यवस्था की घोषणा उन करदाताओं के लिए की गई थी जो यह सारी कटौतियों का लाभ उठाने में असमर्थ थे ।नई कर व्यवस्था के अंतर्गत कर दाता का बोझ को कम करने में मदद की गई है । यह पूरी तरह से मध्यम वर्गीय आय वाले परिवारों को ध्यान में रखकर बनाई गई कर व्यवस्था है। नई कर व्यवस्था में पुरानी आयकर व्यवस्था की तुलना में 6 कर स्लैब और कम दरें रखी गई है।
नई कर व्यवस्था में नए फायदे
- वही नई कर व्यवस्था के अंतर्गत ₹500000 तक की शुद्ध योग्य आय वालों को किसी प्रकार का कर देने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि 87 एक ही अंतर्गत यह छूट उपलब्ध कराई गई है हालांकि ऐसे व्यक्तियों को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा।
- वित्त वर्ष 2023-24 के अंतर्गत नई कर व्यवस्था में 1 अप्रैल 2023 से मूल आय छूट सीमा ₹300000 निर्धारित की गई है
- वित्तीय वर्ष के दौरान 60 वर्ष से कम के आयु वाले व्यक्तियों को मूल कर छूट सीमा 2.5 लख रुपए तक की मिलती है हालांकि पुरानी कर व्यवस्था में यह 60 वर्ष से अधिक और 80 वर्ष से कम के लिए निर्धारित की गई थी ।वहीं वरिष्ठ नागरिकों को मूल ₹300000 और ₹5 लाख तक की दी जा रही है वही पुरानी कर व्यवस्था में यह बिना उम्र की परवाह किए 2.5 लख रुपए तक निर्धारित की गई थी।
- नई कर प्रणाली के अंतर्गत अधिभार दरों में संशोधन किया गया है । नई कर प्रणाली के अंतर्गत 50 लाख रुपए से अधिक आय वाले को 10% वही एक करोड रुपए से अधिक आय वाले को 15% और 2 करोड रुपए से अधिक आय वाले को 25% अधिभार चुकाना होगा।
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निष्कर्ष
कुल मिलाकर नई कर कर प्रणाली पुरानी कर प्रणाली से काफी बेहतर और सुनियोजित तरीके से बनाई गई है। यह पूरी तरह से मध्यम वर्गीय परिवारों को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई है। हालांकि, करदाता को पूरा अधिकार दिया गया है कि करदाता किस प्रणाली के अंतर्गत टैक्स का भुगतान करना चाहता है , परंतु ध्यान रखने योग्य बात यह है कि कर दाता एक बार जिस प्रणाली का चुनाव कर लेता है उसे उसी प्रणाली के अंतर्गत कर का भुगतान करना होगा । कर दाता बार-बार कर प्रणाली को बदल नहीं सकता।
आशा करते हैं हमारे इस लेख के माध्यम से आप नहीं कर प्रणाली और पुरानी कर प्रणाली में अंतर समझ गए होंगे और नहीं प्रणाली के फायदे के बारे में जान गए होंगे