Solar Panel का गया जमाना, लगाओ Solar Tree, होंगे फायदे ही फ़ायदे

Solar Tree: पेड़ों से हमें ऑक्सीजन मिलता है. लेकिन इस राज्य के पेड़ बिजली दे रहे हैं. भारत को अक्सर जुगाड़ का देश कहा जाता है. यहां के लोग समस्या का हल अपनी देसी तकनीक का उपयोग करके कर लेते है. दरअसल हाल ही में राजस्थान के पाली जिले के किसानों ने अपने खेतों में सोलर वृक्ष (Solar Tree) लगाने शुरू किए हैं. जो सूरज की ऊर्जा को विद्युत में बदलते हैं और बिजली का उत्पादन करते हैं.

इस प्रकार प्राप्त हुई इस बिजली का प्रयोग करके किसान विभिन्न कार्यों जैसे सिंचाई, इत्यादि के लिए करते हैं. इससे उनकी बिजली कंपनियों पर से निर्भरता कम हो रही है और अब उन्हें भारी मात्रा में बिजली का बिल भी नहीं देना पड़ रहा. इस तकनीक के बारे में विस्तार से अन्य आपको आज के इस लेख में बताया है. जिसमें हमने Solar Tree क्या है, इसके क्या फायदे हैं, Solar Tree क्या होता है इत्यादि पर चर्चा करी है.

Solar Tree in Pali, Rajasthan

राजस्थान के पाली जिले के कृषि विज्ञान केंद्र ने Solar Tree का नुस्खा अपनाया है. इसके अंतर्गत सूरज की ऊर्जा से बिजली बनाई जाती है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सूरज की ऊर्जा से बिजली बनाने के लिए Solar Panel की जरूरत पड़ती है. उन्हीं सोलर पैनल का इस्तेमाल इस सोलर वृक्ष के लिए भी किया जाता है. आमतौर पर देखा जाए तो यदि हमें सोलर पैनल लगाकर बिजली बनानी है तो हम किसी एक बड़ी जमीन पर. अथवा घर की छत पर सोलर पैनल बिछाते हैं. जिस पर सूरज की रोशनी पड़ती है और बिजली बनती है. लेकिन ऐसा करने में बहुत ज्यादा जमीन का भी इस्तेमाल करना पड़ता है.

इसलिए जिन लोगों के पास भरपूर मात्रा में भूमि उपलब्ध है वह तो आसानी से सोलर पैनल लगवा सकते हैं. लेकिन जो कम जमीन पर खेती करने वाले किसान हैं वह चाहकर भी सोलर पैनल नहीं लगा सकते. क्योंकि इससे उनकी बहुत बड़ी मात्रा में कृषि योग्य भूमि भी इसी में लग जाएगी. इसीलिए यह सोलर वृक्ष बनाया गया है. ताकि कम से कम जमीन का इस्तेमाल कर के वृक्ष लगाया जा सके और अधिक मात्रा में बिजली का उत्पादन किया जा सके.

Solar Tree क्या होता है?

अब आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि Solar Tree आखिर किसे कहते हैं. हम आपको बता दें कि यह पूरी तरह से सोलर पैनल ही की तकनीक पर काम करता है. लेकिन सोलर वृक्ष के अंदर सोलर पैनल को जमीन पर ना लगाकर एक वृक्ष की तरह खम्बे के ऊपर लगाया जाता है. यह खंबा वृक्ष के मोटे तने की तरह बनाया जाता है. जिस पर बहुत सारे और लोहे के पेड़ की तरह शाखाएं बनाई जाती है. शाखा पर जिस प्रकार पेड़ के होते हैं ठीक उसी प्रकार सोलर पैनल की प्लेट लगा दी जाती है.

इस प्रकार दूर से देखने में यह एक वृक्ष की तरह लगते हैं. जिसमें एक ही पेड़ के ऊपर बहुत सारे सोलर पैनल लगे हुए होते हैं.वृक्ष के आकार की वजह से इनको सोलर वृक्ष कह दिया जाता है. आपको बता दें कि भारत के अन्य दूसरे राज्य में भी इस प्रकार के solar tree लगाए जाते हैं. इसके अलावा विश्व के अन्य देशों में भी लोग अपने-अपने स्तरों पर इस प्रकार के solar tree लगा रहे हैं. जिससे जमीन का कम इस्तेमाल होता है और बिजली ज्यादा मात्रा में उत्पन्न हो रही है.

Solar Tree लगाने के लाभ

अब बात करते हैं कि आखिर किसान अत्यधिक मात्रा में सोलर वृक्ष लगाने के लिए क्यों उत्सुक हैं. इसके बहुत सारे लोग हैं जिनको हम निम्नलिखित बिंदुओं में आपके सामने रख रहे हैं;

कम जमीन का इस्तेमाल

सोलर पैनल लगाने के लिए एक बड़ी जमीन की आवश्यकता पड़ती है. इसके अलावा जिस जमीन पर आप सोलर पैनल लगाते हैं उसका इस्तेमाल किसी और कार्य के लिए नहीं कर सकते. क्योंकि यह एक फिक्स पेनल होता है जिसे आप एक बार लगाने के बाद हिला नहीं सकते. लेकिन Solar Tree की वजह से एक ही खंबे के जितने आकार की जमीन का इस्तेमाल होता है. जिसके ऊपर बहुत सारे सोलर पैनल लगा दिए जाते हैं.

जमीन का खेती के लिए उपयोग

इस प्रकार बची हुई जमीन का उपयोग किसान कृषि के लिए कर सकते हैं. जिससे उन्हें केवल एक खंबे के आकार की जमीन ही चाहिए होती है इसके अलावा उस वृक्ष के नीचे से संबंधित खेती भी कर सकते हैं.

कम छाया वाली फसलों के लिए उपयोगी

अत्यधिक गर्मी की वजह से बहुत सारी फसल खराब भी हो जाती है. कुछ फसलों को अच्छी तरह से उठने के लिए कम धूप की जरूरत पड़ती है. जिसके लिए किसान तरह तरह की तकनीक अपनाते हैं. लेकिन अगर आप कम छाया वाली फसलों को इन सोलर वृक्षों के नीचे लगाते हैं तो आपके दो काम बन जाते हैं. पहला तो आपको खेती के लिए उपयुक्त जमीन मिल जाती है. दूसरा, यह सोलर पैनल एक छाया का भी काम करते हैं जो अपने नीचे आने वाली फसलों को धूप से बचाते हैं.

sscnr

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