IRDA New Rules: जैसा कि हम सब जानते हैं प्रत्येक नागरिक अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए स्वयं का और अपनी जरूरत की चीजे जैसे कि वाहनों का तथा स्वास्थ्य का बीमा जरूर करवाता है । ऐसे में बीमा कंपनियां को पूरे भारत में इंडियन रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी IRDA द्वारा समय-समय पर विभिन्न दिशा निर्देश उपलब्ध कराए जाते हैं। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण बीमा धारकों के लिए बीमा कंपनियों को रेगुलेट करता है ,जिससे बीमा धारक बीमा खरीदते समय पॉलिसी के सारे पहलू के बारे में विस्तारित रूप से पता हो वही अमाउंट इंश्योर्ड और पॉलिसी में किए गए खर्चों के बारे में सारी जानकारी हो ।
IRDA New Rules
ऐसे में हाल ही में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण आईआरडीए IRDA ने बीमा धारको को खरीदी गई पॉलिसी की सारी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक संशोधन पत्र जारी किया है, जिसमें बीमा कंपनियों को नए आदेश जारी किए गए हैं। इन नए आदेशों के अनुसार बीमा कंपनी अपने प्रत्येक ग्राहक को प्रत्येक पॉलिसी की बुनियादी जानकारी लिखित में उपलब्ध कराएगी । यह फॉर्मेट ग्राहकों को जनवरी 2024 से उपलब्ध कराया जाएगा जिससे पॉलिसी धारकों को उनके द्वारा ली गई पॉलिसी की सारी जरूरी जानकारी प्राप्त हो जाएगी।
बीमा पारपत्र में होगा संशोधन
इंडियन रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने बीमा कंपनियां को हाल ही में एक परिपत्र भेजा है जिसमें एक नए संशोधन की बात की गई है। जिसमें जनवरी 2024 से नया नियम लागू कर दिया जाएगा। जनवरी 2024 से भारत की सभी बीमा कंपनियों को बीमा नियामक के इस संशोधन पत्र में दिए गए आदेशों का पालन करना होगा जिसके अंतर्गत यह बताया गया है कि प्रत्येक बिना कंपनी पॉलिसी धारक को खरीदी गई पॉलिसी के नियम और शर्तों को आसान भाषा में समझाना होगा। वही इस दस्तावेज में पॉलिसी में बीमित राशि और पॉलिसी में किए गए खर्चों के साथ दावे के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी जिससे ग्राहक को बीमा परपत्र को समझने में आसानी हो ।
ग्राहकों को बीमा उत्पाद बेचने से पहले समझाई जाएगी पेचीदगी
जैसा कि हम सब जानते हैं बीमा पॉलिसी के दस्तावेज काफी कठिन होते हैं ,आमतौर पर ग्राहक इन नियमों और शर्तों को बिना समझे पॉलिसी के दस्तावेजों पर साइन कर देता है जिससे भविष्य में कई परेशानियां झेलनी पड़ती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए बीमा पॉलिसी के सारे कानूनी दस्तावेजों को काफी आसान भाषा में बनाने का निर्णय लिया गया है । वही साथ ही यह इस पॉलिसी के बारे में सारे बुनियादी जानकारी को पॉलिसी कंपनी को ग्राहक को आसान भाषा में समझना होगा जिससे ग्राहक बीमा पारपत्र को आसानी से समझ सके और मिलने वाले दावे की रकम और लगने वाले खर्च के बारे में बेहतर तरीके से जान सके।
आसान भाषा मे किये जायेंगे बीमा पॉलिसी के मुख्य बिन्दु उजागर
आमतौर पर देखा गया है कि बीमा कंपनियां जिस प्रकार के दस्तावेज ग्राहकों को उपलब्ध कराती हैं उसके बारे में ग्राहकों को किसी प्रकार की कोई विस्तृत जानकारी नहीं होती, ऐसे में ग्राहक पॉलिसी के बारे में बिना विस्तार से जाने और भविष्य में आने वाली पेचीदगी से बिल्कुल अनजान होकर पॉलिसी के डॉक्यूमेंट पर साइन कर देता है जिससे ग्राहक की जानकारी की कमी की वजह से ग्राहक को भविष्य में काफी परेशानियां उठानी पड़ती है। पॉलिसी धारक को पॉलिसी से जुड़े बिंदुओं के बारे में कुछ भी पता नहीं होता जानकारी की कमी की वजह से ग्राहक को भविष्य में काफी परेशानियां उठानी पड़ती है।
पॉलिसी धारक को पॉलिसी से जुड़े बिंदुओं के बारे में कुछ भी पता नहीं होता जिसकी वजह से बीमा नियामकों के पास में काफी सारी शिकायतें आ रही है, उपभोक्ताओं की इन सारी शिकायतों को ध्यान में रखते हुए अब बीमा परपत्र को संशोधित करने का घोषणा पत्र जारी किया गया है। जानकारी के लिए बता दे बीमा नियामक ने प्रत्येक बीमा पॉलिसी कंपनियों को बीमा परपत्र में संशोधन करने के आदेश दे दिए हैं, जिससे बीमा कर्ताओं को खरीदें गये प्रोडक्ट ,उनकी पॉलिसी का नाम ,उनकी पॉलिसी की संख्या, बीमा का प्रकार और बीमित राशि के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी ।
वहीं उपभोक्ता को भविष्य में मिलने वाले दावे और पॉलिसी के लाभ के बारे में भी बताया जाएगा। आमतौर पर देखा गया है कि बीमा पॉलिसी खरीदने वाले ग्राहक को भविष्य में उस पॉलिसी से मिलने वाले लाभ ही पता नहीं होते वहीं समय से पहले पॉलिसी छोड़ने पर क्या मिल सकता है और कितना भुगतान मिलता है इसके बारे में ग्राहकों को कुछ पता नहीं होता। इसीलिए बीमा नियामक ने अब प्रत्येक बीमा कंपनी के लिए परपत्र में संशोधन करना आवश्यक कर दिया है।
एजेंट को भी देना होगा संशोधित बीमा पारपत्र
इसके अलावा पॉलिसीधारकों को सारे दस्तावेजों के बारे में भी विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें पॉलिसी में शामिल खर्चे से बाहर की फीस ,पॉलिसी में प्रतीक्षा करने का समय, कवरेज की टोटल फाइनेंशियल लिमिट ,पॉलिसी क्लेम करने का प्रोसीजर और यदि ग्राहक को किसी प्रकार की कोई शिकायत है तो वह ग्राहक किस प्रकार की शिकायत का हल निकल सकता है इसके बारे में पॉलिसी कंपनी को अपने ग्राहकों को पूरी तरह से समझने के पश्चात ही पॉलिसी का उत्पाद बेचना होगा।
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स्थानीय भाषा मे भी उपलब्ध
बीमा नियामक द्वारा जारी किए गए इस नए परिपत्र के अनुसार बीमा कंपनी और ग्राहकों के बीच जो एजेंट कम कर रहे हैं उन्हें भी ग्राहकों को इसके बारे में बेहतर तरीके से समझना होगा और एजेंट को भी इस संशोधित परपत्र के बारे में ग्राहकों को जानकारी उपलब्ध करानी होगी। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि ग्राहकों को उनके स्थानीय भाषा में
पारपत्र उपलब्ध कराये जाए क्योंकि कई बार ग्राहक हिंदी और इंग्लिश की उतनी समझ नहीं रखते इसीलिए ग्राहक को क्षेत्रीय भाषा में भी पारपत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।
निष्कर्ष
इस प्रकार इरडा ने बीमा उत्पाद के क्षेत्र में ग्राहकों की सुविधा को देखते हुए परपत्र में संशोधन करने के आदेश दे दिए हैं जिसका पालन जनवरी 2024 से किया जाएगा। कुल मिलाकर जनवरी 2024 से बीमा खरीदने वाले ग्राहक अब आसान भाषा में बीमा से जरूरी जुड़ी जरूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और बीमा पॉलिसी के सारे कानूनी दांवपेंच समझ सकेंगे।