Supreme Court Order! अभी अभी जारी हुआ ससुराल में बहू के अधिकार पर नया फैसला, सभी लड़कियों का जानना है जरुरी

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Supreme Court Order on Women Rights after Marriage: आज का यह लेख हम उन महिलाओं के लिए लेकर आए हैं जो किसी के परिवार की बहुएं हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं शादी के पश्चात लड़कियों को अपने माता-पिता का घर छोड़ कर जाना पड़ता है ऐसे में लड़कियों को अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहने की काफी आवश्यकता होती है । कई बार ऐसा होता है कि लड़कियों को अपने नैतिक अधिकारों के बारे में पता ही नहीं होता जिसकी वजह से उन्हें ससुराल पक्ष से प्रताड़ित किया जाता है ,या कई बार उनके साथ अन्याय होता है।  ऐसे में इस प्रकार अपने अधिकारों से अनजान रहने की वजह से महिलाओं को बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है।  इसलिए आज हम अपने लेख द्वारा महिलाओं को कानून की तरफ से दिये गए कुछ नैतिक अधिकारों के बारे में अवगत कराएंगे।

 हम अपने लेख द्वारा आज आपको यह बताएंगे कि ससुराल में बहू का कितना अधिकार होता है? जैसा कि हम सब जानते हैं हमारा समाज पुरुष प्रधान समाज है ऐसे में प्रत्येक परिवार में पुरुषों को आवश्यकता से अधिक अधिकार मिले हुए हैं। परंतु ऐसा नहीं है कि हमारे कानून ने महिलाओं को अधिकार नहीं दिए हैं। जी नहीं, हमारे भारतीय कानून में महिलाओं को भी काफी हद तक सुरक्षा और अधिकार मिले हैं । हालांकि अधिकतर महिलाएं इन अधिकारों से पूरी तरह से अनजान रहती हैं जिसकी वजह से उन्हें शादी के पश्चात हिंसा तथा शोषण का शिकार होना पड़ता है ।

Supreme Court Order on Women Rights after Marriage

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आइए जानते हैं यह अधिकार कौन-कौन से हैं?

 स्त्री धन पर एकाधिकार:  हिंदू विवाह एक्ट के अनुसार बहू के स्त्रीधन पर केवल बहू का अधिकार होता है इसका बटवारा कोई नहीं कर सकता । भले ही बहू का स्त्रीधन पति सास-ससुर या किसी अन्य परिवार के सदस्य के पास में रखा हो परंतु उस पर सिर्फ और सिर्फ बहू का अधिकार होता है।

आइए जानते हैं क्या होता है स्त्री धन

 स्त्री धन अर्थात वैवाहिक रीति-रिवाजों और सोशल समारोह के दौरान महिलाओं को जो आभूषण और गहने तोहफे के रुप में मिलते हैं वह सभी भारतीय कानून में स्त्रीधन के नाम से जाने जाते हैं । इसके अलावा शादी से जुड़े अन्य समारोह के दौरान महिलाओं को जो उपहार और नकदी मिलती है वह भी स्त्री धन के दायरे में आता है । इसके लिए हमारे भारतीय कानून में अलग से प्रावधान बने हुए हैं।

 घर पर कानूनन अधिकार: शादी के बाद महिला जब अपने पति के साथ जिस घर में रहती है महिला का उस घर पर बराबर का हक हो जाता है। भले ही वह घर सास-ससुर या पति के नाम पर हो परंतु शादीशुदा महिला उस घर पर रहने का उतना ही अधिकार रखती है जितना कि परिवार के अन्य सदस्य रखते हैं ।

आत्म सम्मान के साथ जीने का अधिकार: विवाहित महिला को ससुराल के घर में पूरी तरह आत्मसम्मान के जीने का अधिकार दिया जाता है। वह अपने पति की तरह ही लाइफस्टाइल पाने की हकदार होती है तथा साथ ही साथ यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि महिला शारीरिक और मानसिक यातना से मुक्त रहे यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो इसका अर्थ यह है कि उस परिवार में महिला के साथ हिंसा या अत्याचार हो रहा है ।

महिला के भरण पोषण का अधिकार: यदि महिला के साथ ससुराल पक्ष द्वारा किसी प्रकार का अत्याचार हो रहा है तो महिला अपराध संहिता के अंतर्गत केस कर सकती है और विवाद होने की स्थिति में वह पति से भरण-पोण के लिए भत्ता पाने का हक भी रखती है।

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