Water Crises News: 14 अप्रैल तक यह शहर हो जाएगा पूरी तरह जल विहीन

जल ही जीवन है यह घोषवाक्य आप सभी ने सुना जरूर होगा पर इस घोष वाक्य पर अमल कितने लोग करते हैं यह भी हम सब बखूबी जानते हैं। हम बेतहाशा पानी व्यर्थ करते हैं हमें पानी की महत्वपूर्णता शायद पता ही नहीं है । परन्तु यदि अब भी हम नहीं चेते तो हमारी हालत भी साउथ अफ्रीका के केप टाउन शहर जैसी हो जाएगी । जी हां सुनने में तो केप टाउन शहर एक परफेक्ट वेकेशन डेस्टिनेशंस लगता है, परंतु क्या आपको पता है कि 14 अप्रैल तक केप टाउन शहर दुनिया का ऐसा शहर बन जाएगा जो पूरी तरह से जल विहीन हो चुका होगा।

जी हां ,संपूर्ण साउथ अफ्रीका पानी की कमी झेल रहा है और साउथ अफ्रीका का केप टाउन शहर दुनिया का पहला ऐसा शहर बन गया है जहां अब पीने के पानी की एक बूंद नहीं बची है। 14 अप्रैल तक यह दुनिया का पहला जल विहीन शहर भी डिक्लेयर कर दिया जाएगा । जानकारी के लिए बता दे पिछले 3 साल से साउथ अफ्रीका का केप टाउन शहर सुखे की मार झेल रहा है परंतु फिर भी यहां का प्रशासन लापरवाही बरतता रहा और जल संरक्षण नहीं किया गया और अब आखिरकार ऐसे हालात बन गए हैं कि यहां पीने के पानी की एक बूंद नहीं बची है ऐसे में केप टाउन शहर में बचा हुआ पानी भी 14 अप्रैल तक खत्म हो जाएगा और यह शहर पूरी तरह से जल विहीन शहर घोषित कर दिया जाएगा मतलब यहां पानी पूरी तरह से खत्म हो जाएगा ।

14 अप्रैल से जलविहीन घोषित हो जाएगा केपटाउन

संपूर्ण केप टाउन शहर में पानी के सारे स्रोत लगभग खत्म होने वाले हैं। 14 अप्रैल तक यह कुछ बचे स्रोत भी पूरी तरह से सूख जाएंगे । ऐसे में इतने गंभीर हालत हो चुके हैं कि यहां सेना द्वारा जल आपूर्ति करवाई जा रही है। पानी की चोरी और लूटपाट रोकने की कड़ी व्यवस्था भी की जा रही है। पानी को लेकर संपूर्ण केप टाउन में ऐसी लूटमार मची हुई है जिसे समझना भी हमारी समझ से परे है।

पानी बचाने के लिए अब किये जा रहे हैं यह सारे प्रयत्न

संपूर्ण केप टाउन शहर इसी गलती का खामियाजा आज भुगत रहा है । केप टाउन शहर जैसे हालात धीरे-धीरे संपूर्ण विश्व के होने वाले हैं। वर्तमान में केप टाउन शहर में पानी बचाने के लिए विभिन्न विकल्प तलाशें जा रहे हैं जहां कई होटल क्लब आदि में नल हटा दिए गए हैं। वहीं लोग हाथ पानी से धोने की बजाय सैनिटाइजर का उपयोग कर रहे हैं ।बगीचों में पानी डालना, वाहन साफ करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। वहीं कोई व्यक्ति अगर अधिक पानी का इस्तेमाल कर रहा है तो उन पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है ।इसके साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को केवल एक दिन में 50 लीटर पानी ही दिया जा रहा है।

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प्रति व्यक्ति केवल 50 लीटर पानी

केप टाउन शहर में लोग 50 लीटर पानी से ही घर की सफाई ,बर्तन धोना, नहाना ,कपड़े धोना, पीने का पानी ,खाना पकाना तथा जानवरों को पानी पिलाने का इस्तेमाल कर रहे हैं । पानी को सुरक्षित करने के लिए महिलाएं बाल नहीं धो रही है और वही ड्राई शैंपू का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक ही बार में सारे कपड़े और बर्तन धोने की सलाह दी जा रही है ।वहीं बर्तन धोने के लिए प्रोबायोटिक साबुन का उपयोग किया जा रहा है। कुल मिलाकर संपूर्ण केप टाउन में पानी को बचाने करने के लिए भरसक प्रयत्न किए जाते हैं।हालांकि अब इन सभी प्रयासों का कोई लाभ नहीं होने वाला क्योंकि केप टाउन शहर पूरी तरह से जेलविहीन घोषित हो चुका है परंतु यह संपूर्ण विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है।

संपूर्ण विश्व के लिए चेतावनी

जैसा कि  हम सब जानते हैं पानी हमारी मूलभूत जरूरत है ऐसे में पूरा शहर जल विहीन हो जाना मतलब पानी की एक-एक बूंद के लिए लोगों का तरसना । वही रोजमर्रा के जीवन में कोई ऐसा काम नहीं है जो पानी के बिना संपन्न हो सके और ऐसी अवस्था में एक पूरा का पूरा शहर जल विहीन होने वाला है यह बात अपने आप मे कंपकपी पैदा करने वाली बात है।

2050 तक हो जाएगी वैश्विक स्तर पर पानी की किल्लत

केप टाउन शहर तो केवल एक उदाहरण है अगर हम अभी भी नहीं चेते तो यह हालत पूरे विश्व की हो जाएगे,जहां पानी की एक बूंद के लिए लोग खून खराबे पर उतर आएंगे। कहा जाता है कि इंसान बिना खाने के जिंदा रह सकता है पर बिना पानी के जिंदा नहीं रह सकता ऐसे में जिस गति से हम पानी का दुरुपयोग कर रहे हैं अगर यही स्थिति बनी रही तो केप टाउन की तरह पूरा विश्व जल विहीन हो जाएगा।  पूरी दुनिया में पीने लायक पानी केवल 2.4% ही है ऐसे में बढ़ती हुई जनसंख्या और लगातार जलवायु परिवर्तन से पीने के पानी की कमी बढ़ती जा रही है वही हम आए दिन इतना सारा पानी व्यर्थ कर देते हैं कि वह पानी नालियों में बह जाता है जो किसी भी प्रकार से पीने लायक नहीं बचता।

अगर आज भी हम केपटाउन के उदाहरण से नहीं सीखे तो संपूर्ण विश्व में जल संकट गहराने लगेगा क्योंकि वैश्विक स्थिति भी कुछ ज्यादा बेहतर नहीं है । 3.6 अरब लोग मतलब दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी हर साल एक महीने जल संकट का सामना पहले से ही कर रही है।  वहीं जलवायु विशेषज्ञों की माने तो 2050 तक पानी की कमी का सामना करने की तैयारी भी हम सबको कर लेनी होगी क्योंकि जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है और जलवायु परिवर्तन बढ़ रहा है वैसे उसे पीने के पानी की कमी भी बढ़ती जा रही है और पानी की खपत भी 6 गुना से ज्यादा बढ़ चुकी है संपूर्ण विश्व में केप टाउन जैसी हालत बनने के पूरे आसार दिखाई दे रहे हैं।

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निष्कर्ष

कुल मिलाकर साउथ अफ्रीका का केप टाउन शहर केवल एक शुरुआती उदाहरण है जो आपातकालीन स्थिति को दर्शा रहा है। यह उन सभी देशों के लिए एक चेतावनी है जो पानी को महत्वता नहीं देती । 14 अप्रैल 2024 तक केप टाउन दुनिया का पहला जल विहीन शहर बन जाएगा अगर इस उदाहरण से भी हम सब कुछ नहीं सीखे तो बहुत जल्द ही वह दिन भी दूर नहीं जब हमारे खुद के शहर भी जल विहीन शहरों में घोषित किए जाएंगे।

sscnr

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