EPS Latest News: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की EPFO एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन में EPS पर लगी कैपिंग हटाने पर जल्दी बड़ा निर्णय हो सकता है। EPS पर काफी लंबे समय से यह निर्णय अटका हुआ था। इस निर्णय पर जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट फैसला ले सकती है।
EPS Latest News- आइए जानते हैं क्या यह है पूरा मामला
जब कोई कर्मचारी EPFO के लिए आवेदन करता है तब वह EPS Pension Yojana का भी सदस्य बन जाता है । कर्मचारी और नियोक्ता दोनों वेतन का 12 -12% EPF खाते में डालते हैं । कर्मचारी का 12% ईपीएफओ में जाता है और नियोक्ता के 12% में से 8.3% EPFO में जाता है तथा बाकी का प्रतिशत कर्मचारी के EPS के खाते में जाता है। जैसा की EPS की अधिकतम सीमा ₹15000 है. ऐसे में EPF में हर महीने ₹1250 जमा किए जा सकते हैं।

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इसी को लेकर कर्मचारियों ने नई मांग उठाई थी की EPS Pension से ₹15000 की सीमा खत्म की जाए । नियम के मुताबिक अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹15000 या इससे ज्यादा है तो केवल ₹1,250 ही पेंशन के रूप में जमा किए जाते हैं। यदि कर्मचारी का मूल वेतन ₹10,000 है तो 8.33% के हिसाब से केवल ₹833 ही उसके ईपीएफ खाते में जमा होते हैं ।
क्योंकि ईपीएफओ पेंशन की गणना अधिकतम ₹15,000 वेतनमान के अनुसार की जाती है तो ऐसा मानकर चलें की पेंशन के तौर पर कर्मचारी को केवल ₹7,500 ही मिलते हैं ।
कर्मचारियों ने यह मांग उठाई है कि इस 15000 की लिमिट को खत्म किया जाए ।
किस तरह से होती है EPS की गणना
Eps फार्मूला= मासिक वेतन को पेंशन की योगदान की संख्या से गुणा किया जाता है तथा 70 से भाग किया जाता है । यदि किसी का मासिक वेतन ₹15000 महीना है और उसकी नौकरी की अवधि 30 वर्ष है और तो उसे केवल ₹6,828 प्रति माह पेंशन मिलेगी। यदि इपीएस पेंशन की लिमिट ₹15000 से हटा दी जाए और आपकी सैलरी 30,000 हो जाए तो आपको इस फार्मूले के हिसाब से पेंशन मिलेंगे 30,000 *40 /70 = 12,857 रुपए आपको मासिक पेंशन प्राप्त होगी।
Employee Pension Scheme में फिलहाल क्या नियम है
यदि आप अपने पेंशन योजना की रकम निकालना चाहते हैं तो अपने खाते की जमा रकम को कभी भी निकाल सकते हैं। अगर कर्मचारी को नौकरी करते 6 महीने से ज्यादा हो तब भी कर्मचारी किसी भी समय अपनी पेंशन की रकम निकाल सकता है।
कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% इस ईपीएफओ में जाता है , इतनी ही रकम नियोक्ता कंपनी भी अपने कर्मचारी के पीएफ खाते में कर्मचारी के नाम से डालती है। देखा जाए तो कंपनी 12 फ़ीसदी में से 8.33 फ़ीसदी कर्मचारी की ईपीएस में डालती है और 3.67 फ़ीसदी ईपीएफ में डालती है।
हालही में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन , ईपीएफओ की बचत योजना बढ़ाने का विचार कर रहा है। माना जा रहा है कि सेवानिवृत्त बचत योजना के लिए सरकार वेतन सीमा बढ़ा सकती है। फिलहाल यह सीमा ₹15000 तक है जिसे ₹21000 तक करने का विचार किया जा रहा है। जिन कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या 20 से अधिक होती है उन कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए इपीएफ अकाउंट खोलना पड़ता है। इसीलिए कर्मचारियों के हित में सरकार यह फैसला जल्द ही लेने वाली है कि बचत सीमा को 15000 से बढ़ाकर ₹21000 कर दिया जाए ।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पास फंड की कमी के चलते यह मामला पिछले कुछ समय से कोर्ट में यूं ही अटका हुआ है उम्मीद है इस साल सुप्रीम कोर्ट कर्मचारी तथा सरकार के हित में जल्दी ही कोई बड़ा फैसला सुनाएगी।
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