Indian Bank Rules 2023 : भारत में अगर बैंक डूबी, तो आपके पैसे का होगा क्या?

Indian Bank Rules: दिसंबर 2021 में केंद्र सरकार ने बैंकों में जमा धन का पॉलिसी कवर बढ़ाने का फैसला किया था। आम नागरिकों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कानून में संशोधन किया था. दरअसल, लोग अपनी बेटी की शादी, बच्चे की पढ़ाई और रिटायरमेंट के बाद के खर्च के लिए बैंकों में एक-एक पैसा बचाते हैं।

अमेरिकी बैंकिंग संकट की खबर ने जमाकर्ताओं को चिंता में डाल दिया है। भारत में भी बैंकों में नकदी रखने वाले लोग इसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. आम नागरिक अब आर्थिक जगत में होने वाली गतिविधियों से पूरी तरह वाकिफ नहीं है। अचानक जब बैंक के डूबने की खबर आती है तो उनके पांव तले की जमीन खिसक जाती है। वे ठगा हुआ महसूस करते हैं. बेटी की शादी, बच्चे की पढ़ाई या रिटायरमेंट के बाद एक-एक पैसा खर्च करने वालों के बारे में बताया जा रहा है कि अमेरिका के सिलिकन वैली बैंक में जमाकर्ताओं के ज्यादातर पैसे का बीमा नहीं है।

Indian Bank Rules

भारत में बैंक के नियम (Indian Bank Rules)

अमेरिकी नियामकों और सरकार ने जमाकर्ताओं को आश्वासन दिया है कि उनका पैसा अब नहीं डूबेगा लेकिन, उन जमाकर्ताओं को उनका पैसा कब तक मिलेगा, क्या उन्हें पूरा पैसा वापस मिलेगा? उन प्रश्नों का उत्तर देने वाला कोई नहीं है। सवा यह है कि अगर कोई बैंक भारत में धोखाधड़ी करता है या बैंक डूब जाता है तो जमाकर्ताओं के पैसे का क्या होगा?

Pension Latest Update: अब आखिरी वेतन का आधा होगी Old Pension; यदि 10 वर्ष की नियमित सेवा पूरी नहीं की तो NPS विकल्प

7th Pay Commission: खुशी से झूमे केंद्रीय कर्मचारी- होली से पहले आई बड़ी खुशखबरी, 44 फीसदी बढ़ेगा वेतन

कुछ साल पहले भारत सरकार ने बैंक जमाकर्ताओं के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया था। इसमें बैंकों में जमा लोगों के पैसे के बीमा कवर की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है. पहले यह सीमा 1 लाख रुपये तक थी। दरअसल, भारत में Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (DICGC) बैंकों में जमा पैसों को पॉलिसी कवर देता है। यानी अगर कोई बैंक फेल हो जाता है तो यह संस्था जमाकर्ताओं की 5 लाख रुपये तक की रकम उसे लौटा देती है। इसमें सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, रेकरिंग अकाउंट समेत सभी तरह के डिपॉजिट शामिल हैं।

क्या है बैंकों के नियम (Rules of Indian Banks)

यहां तक कि अगर किसी के पास एक बैंक में एक से अधिक खाते हैं, तो बैंक की विफलता के मामले में वह DICGC से पुनर्भुगतान प्राप्त कर सकता है जो कि 5 लाख रुपये तक सीमित हो सकता है। इस बात को एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए किसी बैंक में किसी के बचत खाते में 3 लाख रुपये हैं।

DA Increment: कर्मचारियों को मिला साल 2023 में बड़ा तोहफा 4% तक बढ़ाया गया महंगाई भत्ता

ख़ुशख़बरी: कर्मचारियों के लिए आई गुड न्यूज़, अब New Retirement Age होगी 65 वर्ष

भले ही उसने उसी बैंक में 3 लाख रुपये की FD कराई हो, लेकिन बैंक विफल होने की स्थिति में उसे पुनर्भुगतान (repayment) के रूप में केवल 5 लाख रुपये ही मिलेंगे। दूसरे, अगर किसी के पास बैंक में 1 लाख रुपये जमा हैं, तो बैंक के बंद होने की स्थिति में उसे भुगतान के रूप में केवल 1 लाख रुपये मिलेंगे, न कि अभी 5 लाख रुपये।

जमाकर्ताओं का 98 फीसदी पैसा सुरक्षित है

दिसंबर 2021 में केंद्र सरकार ने बैंकों में जमा राशि का policy cover 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की थी। सरकार ने deposit coverage से जुड़े नियम में 27 साल बाद संशोधन किया था। इस कानून में यह भी कहा गया है कि RBI द्वारा बैंक में मोरेटोरियम लागू करने के 90 दिनों के भीतर जमाकर्ताओं को पैसा लौटा दिया जाता है। कानून में इस संशोधन से अब भारत में बैंकों के 98 प्रतिशत जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित है।

SSCNR

Leave a Comment